Top Guidelines Of sidh kunjika
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दकारादि दुर्गा अष्टोत्तर शत नामावलि
हुं हुं हुङ्काररूपिण्यै जं जं जं जम्भनादिनी ।
न कवचं नार्गलास्तोत्रं कीलकं न रहस्यकम्।
श्री महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् (अयिगिरि नंदिनि)
ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल
ओं ग्लौं हुं क्लीं जूं सः ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल
नवरात्रि के नौ दिनों तक इसका पालन करना होगा तभी ये पूर्ण फल प्रदान करेगा.
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति चतुर्थोऽध्यायः
इस पाठ के करने से अष्टसिद्धियां प्राप्त होती हैं.
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति चतुर्थोऽध्यायः
क्रां क्रीं क्रूं कालिका देवि website शां शीं शूं मे शुभं कुरु ।।
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देवी माहात्म्यं अपराध क्षमापणा स्तोत्रम्
न कवचं नार्गलास्तोत्रं कीलकं न रहस्यकम् ।